Monday, 30 December 2019

नयासाल

 गर  साल पुराना चला गया तो नया साल भी आएगा
आना जाना तो नियति है  नियन्ता इसे दुहरायेगा।।

हम मानव हैं हमें भले-बुरे का ज्ञान होना चाहिए 
वरना समय कभी रुकता नहीं तो फिर पीछे पछतायेगा।।

जो छूटा नहीं था वह अपना जो पाया है वह मेरा है
अब जो कुछ भी है मिला उसे पाकर आगे बढ जाएगा।।

जो हुआ तुम्हारे भाग्य बदा जो मिला तुम्हारा नसीब था।
जिस तरह गुजरा गुजर गया यह सोच तुम्हें सीखाएगा।।

बदला है साल बदलने दो इसका तो बदलना नियति है 
पर तुम न बदलना मीत मेरे यह जीवन फिर ना पाएगा




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