Monday, 30 December 2019

नयासाल

 गर  साल पुराना चला गया तो नया साल भी आएगा
आना जाना तो नियति है  नियन्ता इसे दुहरायेगा।।

हम मानव हैं हमें भले-बुरे का ज्ञान होना चाहिए 
वरना समय कभी रुकता नहीं तो फिर पीछे पछतायेगा।।

जो छूटा नहीं था वह अपना जो पाया है वह मेरा है
अब जो कुछ भी है मिला उसे पाकर आगे बढ जाएगा।।

जो हुआ तुम्हारे भाग्य बदा जो मिला तुम्हारा नसीब था।
जिस तरह गुजरा गुजर गया यह सोच तुम्हें सीखाएगा।।

बदला है साल बदलने दो इसका तो बदलना नियति है 
पर तुम न बदलना मीत मेरे यह जीवन फिर ना पाएगा




Friday, 27 December 2019

तुम और हम

सात फेरे सात वचन
सारी दुनिया तुम और हम
वादा किया बराबर हम
साथ चलेंगे तुम और हम।।

देह का नाता पहले आया
नेह पगा मन महल बनाया।।
खटपट-अनबन बातें बंद 
गायब हो गये श्रृंगार के छंद।।

टूटे वादे सारे वचन
इसके कारक तुम और हम।।

घर का मतलब कहीं खो गया
जीवन अपना जहर हो गया 
पांत का भोजन गायब पाया
एकाकी जीवन  अब आया।।

कहाँ गया वह स्वप्न सलोना
जिसमें थे बस तुम और हम।।

तू और तू बस तेरा वचन
मैं हूँ मुझमें कहता है मन
यही मिजाज कराता अनबन
रिसता घाव बन जाता जीवन।।

 नरक द्वार को खोला जिसने
कर्ता इसके तुम और हम।।