आगे आगे जाइब हम पीछे कबहुं ताकब जी।
दुसरे के हम अंगना झाकब अपने मन ना झाकब जी।।
चीन जापान के पुल देख के हमहुं पुल बनाइब जी
कइसे बनीहें बिना विचारे काम शुरू हो जाई जी।।
देश बढइबै ई कुल करबै चाहे जइसे बनवाइब जी
बनही बेरिया ढह जाई त अनके लाग लगाइब जी।।
देश के लोगवा मरी जइहें त लोगवा लोर बहाई जी
फेर दोषवा केकरा पर जाई कोई कह नाही पाई जी।।
जायेवाला चली गईले अब ऊ ना लऊट के आई जी
कुछ दिन हल्ला-गुल्ला होई सबकुछ फेर भुलाई जी।।अइसे लोगवा आगे जइहें अइसही पीछे होई जाई जी
बिना ग्यान के हुनर देखइहें फेर घटना घट जाई जी।।
गाड़ी-घोड़ा इहें रही जइहें लोगवा मारल जाई जी
बिन यमराज के नेवता दिहले उनका घरवा जाई जी।।
कहेला मनवा मोरे मनई अपना मन के जगाईं जी
नाहीं त घटना रउरो दुअरा कबहुंओ एकदिन जाई जी।।
कुछुओ करहुं अपना मउआर के अँखिया में बसाईं जी
तब दुनिया के दुर्दिन देखे कोई कबहु ना जाई जी।।